Friday, January 17, 2020

2 line Sad Shayari

                         खुशियां तकदीर में होनी चाहिए
                        तस्वीर में तो हर कोई मुस्कुराता है

फिजूल हैं सारी दलीलें और गवाह दीवानों की वकालत में
सुकून का कानून ही नही होता इश्क की अदालत में
मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर तेरा क्या भरोसा है चारा-गर
ये तेरी नवाज़िश-ए-मुख़्तसर मिरा दर्द और बढ़ा न दे
Agar kuch sikhna hi hai to khamoshi ko padhna sikh lo
Warna lafzo ke matlab to hazaro nikalte hai
जब करवट बदलते हुए तुम्हारी याद आती है
उस वक्त मोहब्बत हमे खूब तड़पाती है
मुड़े मुड़े से है किताब ए इश्क़ के पन्ने
ये कौन है जो हमे हमारे बाद पढता है
जो आपके एहसासों को ना समझे
उनके लिए अल्फाजों के मोती बिखेरना व्यर्थ है
जो सबको कांटे की तरह चूभती है बातें मेरी
मतलब कुछ तो बात है बातों में मेरी
Wo parinda jise apni parwaz se fursat na thi
Aaj tanha hua to meri he deewar par aa baitha

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